Selected

Original Text
Suhel Khan and Saifur Nadwi

Available Translations

19 Maryam مَرْيَم

< Previous   98 Āyah   Mary      Next >  

بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
In the name of Allah, Most Gracious, Most Merciful.

19:1 كٓهيعٓصٓ
19:1 काफ़ हा या ऐन साद - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:2 ذِكْرُ رَحْمَتِ رَبِّكَ عَبْدَهُۥ زَكَرِيَّآ
19:2 ये तुम्हारे परवरदिगार की मेहरबानी का ज़िक्र है जो (उसने) अपने ख़ास बन्दे ज़करिया के साथ की थी - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:3 إِذْ نَادَىٰ رَبَّهُۥ نِدَآءً خَفِيًّا
19:3 कि जब ज़करिया ने अपने परवरदिगार को धीमी आवाज़ से पुकारा - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:4 قَالَ رَبِّ إِنِّى وَهَنَ ٱلْعَظْمُ مِنِّى وَٱشْتَعَلَ ٱلرَّأْسُ شَيْبًا وَلَمْ أَكُنۢ بِدُعَآئِكَ رَبِّ شَقِيًّا
19:4 (और) अर्ज़ की ऐ मेरे पालने वाले मेरी हड्डियां कमज़ोर हो गई और सर है कि बुढ़ापे की (आग से) भड़क उठा (सेफद हो गया) है और ऐ मेरे पालने वाले मैं तेरी बारगाह में दुआ कर के कभी महरूम नहीं रहा हूँ - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:5 وَإِنِّى خِفْتُ ٱلْمَوَٰلِىَ مِن وَرَآءِى وَكَانَتِ ٱمْرَأَتِى عَاقِرًا فَهَبْ لِى مِن لَّدُنكَ وَلِيًّا
19:5 और मैं अपने (मरने के) बाद अपने वारिसों से सहम जाता हूँ (कि मुबादा दीन को बरबाद करें) और मेरी बीबी उम्मे कुलसूम बिनते इमरान बांझ है पस तू मुझको अपनी बारगाह से एक जाँनशीन फरज़न्द अता फ़रमा - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:6 يَرِثُنِى وَيَرِثُ مِنْ ءَالِ يَعْقُوبَ ۖ وَٱجْعَلْهُ رَبِّ رَضِيًّا
19:6 जो मेरी और याकूब की नस्ल की मीरास का मालिक हो ऐ मेरे परवरदिगार और उसको अपना पसन्दीदा बन्दा बना - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:7 يَـٰزَكَرِيَّآ إِنَّا نُبَشِّرُكَ بِغُلَـٰمٍ ٱسْمُهُۥ يَحْيَىٰ لَمْ نَجْعَل لَّهُۥ مِن قَبْلُ سَمِيًّا
19:7 खुदा ने फरमाया हम तुमको एक लड़के की खुशख़बरी देते हैं जिसका नाम यहया होगा और हमने उससे पहले किसी को उसका हमनाम नहीं पैदा किया - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:8 قَالَ رَبِّ أَنَّىٰ يَكُونُ لِى غُلَـٰمٌ وَكَانَتِ ٱمْرَأَتِى عَاقِرًا وَقَدْ بَلَغْتُ مِنَ ٱلْكِبَرِ عِتِيًّا
19:8 ज़करिया ने अर्ज़ की या इलाही (भला) मुझे लड़का क्योंकर होगा और हालत ये है कि मेरी बीवी बाँझ है और मैं खुद हद से ज्यादा बुढ़ापे को पहुँच गया हूँ - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:9 قَالَ كَذَٰلِكَ قَالَ رَبُّكَ هُوَ عَلَىَّ هَيِّنٌ وَقَدْ خَلَقْتُكَ مِن قَبْلُ وَلَمْ تَكُ شَيْـًٔا
19:9 (खुदा ने) फ़रमाया ऐसा ही होगा तुम्हारा परवरदिगार फ़रमाता है कि ये बात हम पर (कुछ दुशवार नहीं) आसान है और (तुम अपने को तो ख्याल करो कि) इससे पहले तुमको पैदा किया हालाँकि तुम कुछ भी न थे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:10 قَالَ رَبِّ ٱجْعَل لِّىٓ ءَايَةً ۚ قَالَ ءَايَتُكَ أَلَّا تُكَلِّمَ ٱلنَّاسَ ثَلَـٰثَ لَيَالٍ سَوِيًّا
19:10 ज़करिया ने अर्ज़ की इलाही मेरे लिए कोई अलामत मुक़र्रर कर दें हुक्म हुआ तुम्हारी पहचान ये है कि तुम तीन रात (दिन) बराबर लोगों से बात नहीं कर सकोगे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:11 فَخَرَجَ عَلَىٰ قَوْمِهِۦ مِنَ ٱلْمِحْرَابِ فَأَوْحَىٰٓ إِلَيْهِمْ أَن سَبِّحُوا۟ بُكْرَةً وَعَشِيًّا
19:11 फिर ज़करिया (अपने इबादत के) हुजरे से अपनी क़ौम के पास (हिदायत देने के लिए) निकले तो उन से इशारा किया कि तुम लोग सुबह व शाम बराबर उसकी तसबीह (व तक़दीस) किया करो - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:12 يَـٰيَحْيَىٰ خُذِ ٱلْكِتَـٰبَ بِقُوَّةٍ ۖ وَءَاتَيْنَـٰهُ ٱلْحُكْمَ صَبِيًّا
19:12 (ग़रज़ यहया पैदा हुए और हमने उनसे कहा) ऐ यहया किताब (तौरेत) मज़बूती के साथ लो - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:13 وَحَنَانًا مِّن لَّدُنَّا وَزَكَوٰةً ۖ وَكَانَ تَقِيًّا
19:13 और हमने उन्हें बचपन ही में अपनी बारगाह से नुबूवत और रहमदिली और पाक़ीज़गी अता फरमाई - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:14 وَبَرًّۢا بِوَٰلِدَيْهِ وَلَمْ يَكُن جَبَّارًا عَصِيًّا
19:14 और वह (ख़ुद भी) परहेज़गार और अपने माँ बाप के हक़ में सआदतमन्द थे और सरकश नाफरमान न थे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:15 وَسَلَـٰمٌ عَلَيْهِ يَوْمَ وُلِدَ وَيَوْمَ يَمُوتُ وَيَوْمَ يُبْعَثُ حَيًّا
19:15 और (हमारी तरफ से) उन पर (बराबर) सलाम है जिस दिन पैदा हुए और जिस दिन मरेंगे और जिस दिन (दोबारा) ज़िन्दा उठा खड़े किए जाएँगे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:16 وَٱذْكُرْ فِى ٱلْكِتَـٰبِ مَرْيَمَ إِذِ ٱنتَبَذَتْ مِنْ أَهْلِهَا مَكَانًا شَرْقِيًّا
19:16 और (ऐ रसूल) कुरान में मरियम का भी तज़किरा करो कि जब वह अपने लोगों से अलग होकर पूरब की तरफ़ वाले मकान में (गुस्ल के वास्ते) जा बैठें - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:17 فَٱتَّخَذَتْ مِن دُونِهِمْ حِجَابًا فَأَرْسَلْنَآ إِلَيْهَا رُوحَنَا فَتَمَثَّلَ لَهَا بَشَرًا سَوِيًّا
19:17 फिर उसने उन लोगों से परदा कर लिया तो हमने अपनी रूह (जिबरील) को उन के पास भेजा तो वह अच्छे ख़ासे आदमी की सूरत बनकर उनके सामने आ खड़ा हुआ - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:18 قَالَتْ إِنِّىٓ أَعُوذُ بِٱلرَّحْمَـٰنِ مِنكَ إِن كُنتَ تَقِيًّا
19:18 (वह उसको देखकर घबराई और) कहने लगी अगर तू परहेज़गार है तो मैं तुझ से खुदा की पनाह माँगती हूँ - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:19 قَالَ إِنَّمَآ أَنَا۠ رَسُولُ رَبِّكِ لِأَهَبَ لَكِ غُلَـٰمًا زَكِيًّا
19:19 (मेरे पास से हट जा) जिबरील ने कहा मैं तो साफ़ तुम्हारे परवरदिगार का पैग़मबर (फ़रिश्ता) हूँ ताकि तुमको पाक व पाकीज़ा लड़का अता करूँ - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:20 قَالَتْ أَنَّىٰ يَكُونُ لِى غُلَـٰمٌ وَلَمْ يَمْسَسْنِى بَشَرٌ وَلَمْ أَكُ بَغِيًّا
19:20 मरियम ने कहा मुझे लड़का क्योंकर हो सकता है हालाँकि किसी मर्द ने मुझे छुआ तक नहीं है औ मैं न बदकार हूँ - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:21 قَالَ كَذَٰلِكِ قَالَ رَبُّكِ هُوَ عَلَىَّ هَيِّنٌ ۖ وَلِنَجْعَلَهُۥٓ ءَايَةً لِّلنَّاسِ وَرَحْمَةً مِّنَّا ۚ وَكَانَ أَمْرًا مَّقْضِيًّا
19:21 जिबरील ने कहा तुमने कहा ठीक (मगर) तुम्हारे परवरदिगार ने फ़रमाया है कि ये बात (बे बाप के लड़का पैदा करना) मुझ पर आसान है ताकि इसको (पैदा करके) लोगों के वास्ते (अपनी क़ुदरत की) निशानी क़रार दें और अपनी ख़ास रहमत का ज़रिया बनायें - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:22 ۞ فَحَمَلَتْهُ فَٱنتَبَذَتْ بِهِۦ مَكَانًا قَصِيًّا
19:22 और ये बात फैसला शुदा है ग़रज़ लड़के के साथ वह आप ही आप हामेला हो गई फिर इसकी वजह से लोगों से अलग एक दूर के मकान में चली गई - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:23 فَأَجَآءَهَا ٱلْمَخَاضُ إِلَىٰ جِذْعِ ٱلنَّخْلَةِ قَالَتْ يَـٰلَيْتَنِى مِتُّ قَبْلَ هَـٰذَا وَكُنتُ نَسْيًا مَّنسِيًّا
19:23 फिर (जब जनने का वक्त ़क़रीब आया तो दरदे ज़ह) उन्हें एक खजूर के (सूखे) दरख्त की जड़ में ले आया और (बेकसी में शर्म से) कहने लगीं काश मैं इससे पहले मर जाती और (न पैद होकर) - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:24 فَنَادَىٰهَا مِن تَحْتِهَآ أَلَّا تَحْزَنِى قَدْ جَعَلَ رَبُّكِ تَحْتَكِ سَرِيًّا
19:24 बिल्कुल भूली बिसरी हो जाती तब जिबरील ने मरियम के पाईन की तरफ़ से आवाज़ दी कि तुम कुढ़ों नहीं देखो तो तुम्हारे परवरदिगार ने तुम्हारे क़रीब ही नीचे एक चश्मा जारी कर दिया है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:25 وَهُزِّىٓ إِلَيْكِ بِجِذْعِ ٱلنَّخْلَةِ تُسَـٰقِطْ عَلَيْكِ رُطَبًا جَنِيًّا
19:25 और खुरमे की जड़ (पकड़ कर) अपनी तरफ़ हिलाओ तुम पर पक्के-पक्के ताजे खुरमे झड़ पड़ेगें फिर (शौक़ से खुरमे) खाओ - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:26 فَكُلِى وَٱشْرَبِى وَقَرِّى عَيْنًا ۖ فَإِمَّا تَرَيِنَّ مِنَ ٱلْبَشَرِ أَحَدًا فَقُولِىٓ إِنِّى نَذَرْتُ لِلرَّحْمَـٰنِ صَوْمًا فَلَنْ أُكَلِّمَ ٱلْيَوْمَ إِنسِيًّا
19:26 और (चश्मे का पानी) पियो और (लड़के से) अपनी ऑंख ठन्डी करो फिर अगर तुम किसी आदमी को देखो (और वह तुमसे कुछ पूछे) तो तुम इशारे से कह देना कि मैंने खुदा के वास्ते रोजे क़ी नज़र की थी तो मैं आज हरगिज़ किसी से बात नहीं कर सकती - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:27 فَأَتَتْ بِهِۦ قَوْمَهَا تَحْمِلُهُۥ ۖ قَالُوا۟ يَـٰمَرْيَمُ لَقَدْ جِئْتِ شَيْـًٔا فَرِيًّا
19:27 फिर मरियम उस लड़के को अपनी गोद में लिए हुए अपनी क़ौम के पास आयीं वह लोग देखकर कहने लगे ऐ मरियम तुमने तो यक़ीनन बहुत बुरा काम किया - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:28 يَـٰٓأُخْتَ هَـٰرُونَ مَا كَانَ أَبُوكِ ٱمْرَأَ سَوْءٍ وَمَا كَانَتْ أُمُّكِ بَغِيًّا
19:28 ऐ हारून की बहन न तो तेरा बाप ही बुरा आदमी था और न तो तेरी माँ ही बदकार थी (ये तूने क्या किया) - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:29 فَأَشَارَتْ إِلَيْهِ ۖ قَالُوا۟ كَيْفَ نُكَلِّمُ مَن كَانَ فِى ٱلْمَهْدِ صَبِيًّا
19:29 तो मरियम ने उस लड़के की तरफ इशारा किया ( कि जो कुछ पूछना है इससे पूछ लो) और वह लोग बोले भला हम गोद के बच्चे से क्योंकर बात करें - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:30 قَالَ إِنِّى عَبْدُ ٱللَّهِ ءَاتَىٰنِىَ ٱلْكِتَـٰبَ وَجَعَلَنِى نَبِيًّا
19:30 (इस पर वह बच्चा कुदरते खुदा से) बोल उठा कि मैं बेशक खुदा का बन्दा हूँ मुझ को उसी ने किताब (इन्जील) अता फरमाई है और मुझ को नबी बनाया - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:31 وَجَعَلَنِى مُبَارَكًا أَيْنَ مَا كُنتُ وَأَوْصَـٰنِى بِٱلصَّلَوٰةِ وَٱلزَّكَوٰةِ مَا دُمْتُ حَيًّا
19:31 और मै (चाहे) कहीं रहूँ मुझ को मुबारक बनाया और मुझ को जब तक ज़िन्दा रहूँ नमाज़ पढ़ने ज़कात देने की ताकीद की है और मुझ को अपनी वालेदा का फ़रमाबरदार बनाया - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:32 وَبَرًّۢا بِوَٰلِدَتِى وَلَمْ يَجْعَلْنِى جَبَّارًا شَقِيًّا
19:32 और (अलहमदोलिल्लाह कि) मुझको सरकश नाफरमान नहीं बनाया - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:33 وَٱلسَّلَـٰمُ عَلَىَّ يَوْمَ وُلِدتُّ وَيَوْمَ أَمُوتُ وَيَوْمَ أُبْعَثُ حَيًّا
19:33 और (खुदा की तरफ़ से) जिस दिन मैं पैदा हुआ हूँ और जिस दिन मरूँगा मुझ पर सलाम है और जिस दिन (दोबारा) ज़िन्दा उठा कर खड़ा किया जाऊँगा - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:34 ذَٰلِكَ عِيسَى ٱبْنُ مَرْيَمَ ۚ قَوْلَ ٱلْحَقِّ ٱلَّذِى فِيهِ يَمْتَرُونَ
19:34 ये है कि मरियम के बेटे ईसा का सच्चा (सच्चा) क़िस्सा जिसमें ये लोग (ख्वाहमख्वाह) शक किया करते हैं - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:35 مَا كَانَ لِلَّهِ أَن يَتَّخِذَ مِن وَلَدٍ ۖ سُبْحَـٰنَهُۥٓ ۚ إِذَا قَضَىٰٓ أَمْرًا فَإِنَّمَا يَقُولُ لَهُۥ كُن فَيَكُونُ
19:35 खुदा कि लिए ये किसी तरह सज़ावार नहीं कि वह (किसी को) बेटा बनाए वह पाक व पकीज़ा है जब वह किसी काम का करना ठान लेता है तो बस उसको कह देता है कि ''हो जा'' तो वह हो जाता है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:36 وَإِنَّ ٱللَّهَ رَبِّى وَرَبُّكُمْ فَٱعْبُدُوهُ ۚ هَـٰذَا صِرَٰطٌ مُّسْتَقِيمٌ
19:36 और इसमें तो शक ही नहीं कि खुदा (ही) मेरा (भी) परवरदिगार है और तुम्हारा (भी) परवरदिगार है तो सब के सब उसी की इबादत करो यही (तौहीद) सीधा रास्ता है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:37 فَٱخْتَلَفَ ٱلْأَحْزَابُ مِنۢ بَيْنِهِمْ ۖ فَوَيْلٌ لِّلَّذِينَ كَفَرُوا۟ مِن مَّشْهَدِ يَوْمٍ عَظِيمٍ
19:37 (और यही दीन ईसा लेकर आए थे) फिर (काफिरों के) फ़िरकों ने बहम एख़तेलाफ किया तो जिन लोगों ने कुफ्र इख़्तियार किया उनके लिए बड़े (सख्त दिन खुदा के हुज़ूर) हाज़िर होने से ख़राबी है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:38 أَسْمِعْ بِهِمْ وَأَبْصِرْ يَوْمَ يَأْتُونَنَا ۖ لَـٰكِنِ ٱلظَّـٰلِمُونَ ٱلْيَوْمَ فِى ضَلَـٰلٍ مُّبِينٍ
19:38 जिस दिन ये लोग हमारे हुज़ूर में हाज़िर होंगे क्या कुछ सुनते देखते होंगे मगर आज तो नफ़रमान लोग खुल्लम खुल्ला गुमराही में हैं - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:39 وَأَنذِرْهُمْ يَوْمَ ٱلْحَسْرَةِ إِذْ قُضِىَ ٱلْأَمْرُ وَهُمْ فِى غَفْلَةٍ وَهُمْ لَا يُؤْمِنُونَ
19:39 और (ऐ रसूल) तुम उनको हसरत (अफ़सोस) के दिन से डराओ जब क़तई फैसला कर दिया जाएगा और (इस वक्त तो) ये लोग ग़फलत में (पड़े हैं) - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:40 إِنَّا نَحْنُ نَرِثُ ٱلْأَرْضَ وَمَنْ عَلَيْهَا وَإِلَيْنَا يُرْجَعُونَ
19:40 और ईमान नहीं लाते इसमें शक नहीं कि (एक दिन) ज़मीन के और जो कुछ उस पर है (उसके) हम ही वारिस होंगे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:41 وَٱذْكُرْ فِى ٱلْكِتَـٰبِ إِبْرَٰهِيمَ ۚ إِنَّهُۥ كَانَ صِدِّيقًا نَّبِيًّا
19:41 (और सब नेस्त व नाबूद हो जाएँगे) और सब के सब हमारी तरफ़ लौटाए जाएँगे और (ऐ रसूल) क़ुरान में इबराहीम का (भी) तज़किरा करो - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:42 إِذْ قَالَ لِأَبِيهِ يَـٰٓأَبَتِ لِمَ تَعْبُدُ مَا لَا يَسْمَعُ وَلَا يُبْصِرُ وَلَا يُغْنِى عَنكَ شَيْـًٔا
19:42 इसमें शक नहीं कि वह बड़े सच्चे नबी थे जब उन्होंने अपने चचा और मुँह बोले बाप से कहा कि ऐ अब्बा आप क्यों, ऐसी चीज़ (बुत) की परसतिश करते हैं जो ने सुन सकता है और न देख सकता है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:43 يَـٰٓأَبَتِ إِنِّى قَدْ جَآءَنِى مِنَ ٱلْعِلْمِ مَا لَمْ يَأْتِكَ فَٱتَّبِعْنِىٓ أَهْدِكَ صِرَٰطًا سَوِيًّا
19:43 और न कुछ आपके काम ही आ सकता है ऐ मेरे अब्बा यक़ीनन मेरे पास वह इल्म आ चुका है जो आपके पास नहीं आया तो आप मेरी पैरवी कीजिए मैं आपको (दीन की) सीधी राह दिखा दूँगा - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:44 يَـٰٓأَبَتِ لَا تَعْبُدِ ٱلشَّيْطَـٰنَ ۖ إِنَّ ٱلشَّيْطَـٰنَ كَانَ لِلرَّحْمَـٰنِ عَصِيًّا
19:44 ऐ अब्बा आप शैतान की परसतिश न कीजिए (क्योंकि) शैतान यक़ीनन खुदा का नाफ़रमान (बन्दा) है। - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:45 يَـٰٓأَبَتِ إِنِّىٓ أَخَافُ أَن يَمَسَّكَ عَذَابٌ مِّنَ ٱلرَّحْمَـٰنِ فَتَكُونَ لِلشَّيْطَـٰنِ وَلِيًّا
19:45 ऐ अब्बा मैं यक़ीनन इससे डरता हूँ कि (मुबादा) खुदा की तरफ से आप पर कोई अज़ाब नाज़िल हो तो (आख़िर) आप शैतान के साथी बन जाईए - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:46 قَالَ أَرَاغِبٌ أَنتَ عَنْ ءَالِهَتِى يَـٰٓإِبْرَٰهِيمُ ۖ لَئِن لَّمْ تَنتَهِ لَأَرْجُمَنَّكَ ۖ وَٱهْجُرْنِى مَلِيًّا
19:46 (आज़र ने) कहा (क्यों) इबराहीम क्या तू मेरे माबूदों को नहीं मानता है अगर तू (इन बातों से) किसी तरह बाज़ न आएगा तो (याद रहे) मैं तुझे संगसार कर दूँगा और तू मेरे पास से हमेशा के लिए दूर हो जा - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:47 قَالَ سَلَـٰمٌ عَلَيْكَ ۖ سَأَسْتَغْفِرُ لَكَ رَبِّىٓ ۖ إِنَّهُۥ كَانَ بِى حَفِيًّا
19:47 इबराहीम ने कहा (अच्छा तो) मेरा सलाम लीजिए (मगर इस पर भी) मैं अपने परवरदिगार से आपकी बख्शिश की दुआ करूँगा - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:48 وَأَعْتَزِلُكُمْ وَمَا تَدْعُونَ مِن دُونِ ٱللَّهِ وَأَدْعُوا۟ رَبِّى عَسَىٰٓ أَلَّآ أَكُونَ بِدُعَآءِ رَبِّى شَقِيًّا
19:48 (क्योंकि) बेशक वह मुझ पर बड़ा मेहरबान है और मैंने आप को (भी) और इन बुतों को (भी) जिन्हें आप लोग खुदा को छोड़कर पूजा करते हैं (सबको) छोड़ा और अपने परवरदिगार ही की इबादत करूँगा उम्मीद है कि मैं अपने परवरदिगार की इबादत से महरूम न रहूँगा - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:49 فَلَمَّا ٱعْتَزَلَهُمْ وَمَا يَعْبُدُونَ مِن دُونِ ٱللَّهِ وَهَبْنَا لَهُۥٓ إِسْحَـٰقَ وَيَعْقُوبَ ۖ وَكُلًّا جَعَلْنَا نَبِيًّا
19:49 ग़रज़ इबराहीम ने उन लोगों को और जिसे ये लोग खुदा को छोड़कर परसतिश किया करते थे छोड़ा तो हमने उन्हें इसहाक़ व याकूब (सी औलाद) अता फ़रमाई और हर एक को नुबूवत के दर्जे पर फ़ायज़ किया - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:50 وَوَهَبْنَا لَهُم مِّن رَّحْمَتِنَا وَجَعَلْنَا لَهُمْ لِسَانَ صِدْقٍ عَلِيًّا
19:50 और उन सबको अपनी रहमत से कुछ इनायत फ़रमाया और हमने उनके लिए आला दर्जे का ज़िक्रे ख़ैर (दुनिया में भी) क़रार दिया - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:51 وَٱذْكُرْ فِى ٱلْكِتَـٰبِ مُوسَىٰٓ ۚ إِنَّهُۥ كَانَ مُخْلَصًا وَكَانَ رَسُولًا نَّبِيًّا
19:51 और (ऐ रसूल) कुरान में (कुछ) मूसा का (भी) तज़किरा करो इसमें शक नहीं कि वह (मेरा) बन्दा और साहिबे किताब व शरीयत नबी था - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:52 وَنَـٰدَيْنَـٰهُ مِن جَانِبِ ٱلطُّورِ ٱلْأَيْمَنِ وَقَرَّبْنَـٰهُ نَجِيًّا
19:52 और हमने उनको (कोहे तूर) की दाहिनी तरफ़ से आवाज़ दी और हमने उन्हें राज़ व नियाज़ की बातें करने के लिए अपने क़रीब बुलाया - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:53 وَوَهَبْنَا لَهُۥ مِن رَّحْمَتِنَآ أَخَاهُ هَـٰرُونَ نَبِيًّا
19:53 और हमने उन्हें अपनी ख़ास मेहरबानी से उनके भाई हारून को (उनका वज़ीर बनाकर) इनायत फ़रमाया - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:54 وَٱذْكُرْ فِى ٱلْكِتَـٰبِ إِسْمَـٰعِيلَ ۚ إِنَّهُۥ كَانَ صَادِقَ ٱلْوَعْدِ وَكَانَ رَسُولًا نَّبِيًّا
19:54 (ऐ रसूल) कुरान में इसमाईल का (भी) तज़किरा करो इसमें शक नहीं कि वह वायदे के सच्चे थे और भेजे हुए पैग़म्बर थे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:55 وَكَانَ يَأْمُرُ أَهْلَهُۥ بِٱلصَّلَوٰةِ وَٱلزَّكَوٰةِ وَكَانَ عِندَ رَبِّهِۦ مَرْضِيًّا
19:55 और अपने घर के लोगों को नमाज़ पढ़ने और ज़कात देने की ताकीद किया करते थे और अपने परवरदिगार की बारगाह में पसन्दीदा थे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:56 وَٱذْكُرْ فِى ٱلْكِتَـٰبِ إِدْرِيسَ ۚ إِنَّهُۥ كَانَ صِدِّيقًا نَّبِيًّا
19:56 और (ऐ रसूल) कुरान में इदरीस का भी तज़किरा करो इसमें शक नहीं कि वह बड़े सच्चे (बन्दे और) नबी थे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:57 وَرَفَعْنَـٰهُ مَكَانًا عَلِيًّا
19:57 और हमने उनको बहुत ऊँची जगह (बेहिश्त में) बुलन्द कर (के पहुँचा) दिया - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:58 أُو۟لَـٰٓئِكَ ٱلَّذِينَ أَنْعَمَ ٱللَّهُ عَلَيْهِم مِّنَ ٱلنَّبِيِّـۧنَ مِن ذُرِّيَّةِ ءَادَمَ وَمِمَّنْ حَمَلْنَا مَعَ نُوحٍ وَمِن ذُرِّيَّةِ إِبْرَٰهِيمَ وَإِسْرَٰٓءِيلَ وَمِمَّنْ هَدَيْنَا وَٱجْتَبَيْنَآ ۚ إِذَا تُتْلَىٰ عَلَيْهِمْ ءَايَـٰتُ ٱلرَّحْمَـٰنِ خَرُّوا۟ سُجَّدًا وَبُكِيًّا ۩
19:58 ये अम्बिया लोग जिन्हें खुदा ने अपनी नेअमत दी आदमी की औलाद से हैं और उनकी नस्ल से जिन्हें हमने (तूफ़ान के वक्त) नूह के साथ (कश्ती पर) सवारकर लिया था और इबराहीम व याकूब की औलाद से हैं और उन लोगों में से हैं जिनकी हमने हिदायत की और मुन्तिख़ब किया जब उनके सामने खुदा की (नाज़िल की हुई) आयतें पढ़ी जाती थीं तो सजदे में ज़ारोक़तार रोते हुए गिर पड़ते थे (58) सजदा - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:59 ۞ فَخَلَفَ مِنۢ بَعْدِهِمْ خَلْفٌ أَضَاعُوا۟ ٱلصَّلَوٰةَ وَٱتَّبَعُوا۟ ٱلشَّهَوَٰتِ ۖ فَسَوْفَ يَلْقَوْنَ غَيًّا
19:59 फिर उनके बाद कुछ नाख़लफ (उनके) जानशीन हुए जिन्होंने नमाज़ें खोयी और नफ़सानी ख्वाहिशों के चेले बन बैठे अनक़रीब ही ये लोग (अपनी) गुमराही (के ख़ामयाजे) से जा मिलेंगे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:60 إِلَّا مَن تَابَ وَءَامَنَ وَعَمِلَ صَـٰلِحًا فَأُو۟لَـٰٓئِكَ يَدْخُلُونَ ٱلْجَنَّةَ وَلَا يُظْلَمُونَ شَيْـًٔا
19:60 मगर (हाँ) जिसने तौबा कर लिया और अच्छे-अच्छे काम किए तो ऐसे लोग बेहिश्त में दाख़िल होंगे और उन पर कुछ भी जुल्म नहीं किया जाएगा वह सदाबहार बाग़ात में रहेंगे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:61 جَنَّـٰتِ عَدْنٍ ٱلَّتِى وَعَدَ ٱلرَّحْمَـٰنُ عِبَادَهُۥ بِٱلْغَيْبِ ۚ إِنَّهُۥ كَانَ وَعْدُهُۥ مَأْتِيًّا
19:61 जिनका खुदा ने अपने बन्दों से ग़ाएबाना वायदा कर लिया है बेशक उसका वायदा पूरा होने वाला है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:62 لَّا يَسْمَعُونَ فِيهَا لَغْوًا إِلَّا سَلَـٰمًا ۖ وَلَهُمْ رِزْقُهُمْ فِيهَا بُكْرَةً وَعَشِيًّا
19:62 वह लोग वहाँ सलाम के सिवा कोई बेहूदा बात सुनेंगे ही नहीं मगर हर तरफ से इस्लाम ही इस्लाम (की आवाज़ आएगी) और वहाँ उनका खाना सुबह व शाम (जिस वक्त चाहेंगे) उनके लिए (तैयार) रहेगा - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:63 تِلْكَ ٱلْجَنَّةُ ٱلَّتِى نُورِثُ مِنْ عِبَادِنَا مَن كَانَ تَقِيًّا
19:63 यही वह बेिहश्त है कि हमारे बन्दों में से जो परहेज़गार होगा हम उसे उसका वारिस बनायेगे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:64 وَمَا نَتَنَزَّلُ إِلَّا بِأَمْرِ رَبِّكَ ۖ لَهُۥ مَا بَيْنَ أَيْدِينَا وَمَا خَلْفَنَا وَمَا بَيْنَ ذَٰلِكَ ۚ وَمَا كَانَ رَبُّكَ نَسِيًّا
19:64 और (ऐ रसूल) हम लोग फ़रिश्ते आप के परवरदिगार के हुक्म के बग़ैर (दुनिया में) नहीं नाज़िल होते जो कुछ हमारे सामने है और जो कुछ हमारे पीठ पीछे है और जो कुछ उनके दरमियान में है (ग़रज़ सबकुछ) उसी का है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:65 رَّبُّ ٱلسَّمَـٰوَٰتِ وَٱلْأَرْضِ وَمَا بَيْنَهُمَا فَٱعْبُدْهُ وَٱصْطَبِرْ لِعِبَـٰدَتِهِۦ ۚ هَلْ تَعْلَمُ لَهُۥ سَمِيًّا
19:65 और तुम्हारा परवरदिगार कुछ भूलने वाला नहीं है सारे आसमान और ज़मीन का मालिक है और उन चीज़ों का भी जो दोनों के दरमियान में है तो तुम उसकी इबादत करो (और उसकी इबादत पर साबित) क़दम रहो भला तुम्हारे इल्म में उसका कोई हमनाम भी है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:66 وَيَقُولُ ٱلْإِنسَـٰنُ أَءِذَا مَا مِتُّ لَسَوْفَ أُخْرَجُ حَيًّا
19:66 और (बाज़) आदमी अबी बिन ख़लफ ताज्जुब से कहा करते हैं कि क्या जब मैं मर जाऊँगा तो जल्दी ही जीता जागता (क़ब्र से) निकाला जाऊँगा - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:67 أَوَلَا يَذْكُرُ ٱلْإِنسَـٰنُ أَنَّا خَلَقْنَـٰهُ مِن قَبْلُ وَلَمْ يَكُ شَيْـًٔا
19:67 क्या वह (आदमी) उसको नहीं याद करता कि उसको इससे पहले जब वह कुछ भी न था पैदा किया था - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:68 فَوَرَبِّكَ لَنَحْشُرَنَّهُمْ وَٱلشَّيَـٰطِينَ ثُمَّ لَنُحْضِرَنَّهُمْ حَوْلَ جَهَنَّمَ جِثِيًّا
19:68 तो वह (ऐ रसूल) तुम्हारे परवरदिगार की (अपनी) क़िस्म हम उनको और शैतान को इकट्ठा करेगे फिर उन सब को जहन्नुम के गिर्दागिर्द घुटनों के बल हाज़िर करेंगे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:69 ثُمَّ لَنَنزِعَنَّ مِن كُلِّ شِيعَةٍ أَيُّهُمْ أَشَدُّ عَلَى ٱلرَّحْمَـٰنِ عِتِيًّا
19:69 फिर हर गिरोह में से ऐसे लोगों को अलग निकाल लेंगे (जो दुनिया में) खुदा से औरों की निस्बत अकड़े-अकड़े फिरते थे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:70 ثُمَّ لَنَحْنُ أَعْلَمُ بِٱلَّذِينَ هُمْ أَوْلَىٰ بِهَا صِلِيًّا
19:70 फिर जो लोग जहन्नुम में झोंके जाएँगे ज्यादा सज़ावार हैं हम उनसे खूब वाक़िफ हैं - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:71 وَإِن مِّنكُمْ إِلَّا وَارِدُهَا ۚ كَانَ عَلَىٰ رَبِّكَ حَتْمًا مَّقْضِيًّا
19:71 और तुममे से कोई ऐसा नहीं जो जहन्नुम पर से होकर न गुज़रे (क्योंकि पुल सिरात उसी पर है) ये तुम्हारे परवरदिगार पर हेतेमी और लाज़मी (वायदा) है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:72 ثُمَّ نُنَجِّى ٱلَّذِينَ ٱتَّقَوا۟ وَّنَذَرُ ٱلظَّـٰلِمِينَ فِيهَا جِثِيًّا
19:72 फिर हम परहेज़गारों को बचाएँगे और नाफ़रमानों को घुटने के भल उसमें छोड़ देंगे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:73 وَإِذَا تُتْلَىٰ عَلَيْهِمْ ءَايَـٰتُنَا بَيِّنَـٰتٍ قَالَ ٱلَّذِينَ كَفَرُوا۟ لِلَّذِينَ ءَامَنُوٓا۟ أَىُّ ٱلْفَرِيقَيْنِ خَيْرٌ مَّقَامًا وَأَحْسَنُ نَدِيًّا
19:73 और जब हमारी वाज़ेए रौशन आयतें उनके सामने पढ़ी जाती हैं तो जिन लोगों ने कुफ़्र किया ईमानवालों से पूछते हैं भला ये तो बताओ कि हम तुम दोनों फरीक़ो में से मरतबे में कौन ज्यादा बेहतर है और किसकी महफिल ज्यादा अच्छी है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:74 وَكَمْ أَهْلَكْنَا قَبْلَهُم مِّن قَرْنٍ هُمْ أَحْسَنُ أَثَـٰثًا وَرِءْيًا
19:74 हालाँकि हमने उनसे पहले बहुत सी जमाअतों को हलाक कर छोड़ा जो उनसे साज़ो सामान और ज़ाहिरी नमूद में कहीं बढ़ चढ़ के थी - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:75 قُلْ مَن كَانَ فِى ٱلضَّلَـٰلَةِ فَلْيَمْدُدْ لَهُ ٱلرَّحْمَـٰنُ مَدًّا ۚ حَتَّىٰٓ إِذَا رَأَوْا۟ مَا يُوعَدُونَ إِمَّا ٱلْعَذَابَ وَإِمَّا ٱلسَّاعَةَ فَسَيَعْلَمُونَ مَنْ هُوَ شَرٌّ مَّكَانًا وَأَضْعَفُ جُندًا
19:75 (ऐ रसूल) कह दो कि जो शख्स गुमराही में पड़ा है तो खुदा उसको ढ़ील ही देता चला जाता है यहाँ तक कि उस चीज़ को (अपनी ऑंखों से) देख लेंगे जिनका उनसे वायदा किया गया है या अज़ाब या क़यामत तो उस वक्त उन्हें मालूम हो जाएगा कि मरतबे में कौन बदतर है और लश्कर (जत्थे) में कौन कमज़ोर है (बेकस) है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:76 وَيَزِيدُ ٱللَّهُ ٱلَّذِينَ ٱهْتَدَوْا۟ هُدًى ۗ وَٱلْبَـٰقِيَـٰتُ ٱلصَّـٰلِحَـٰتُ خَيْرٌ عِندَ رَبِّكَ ثَوَابًا وَخَيْرٌ مَّرَدًّا
19:76 और जो लोग राहे रास्त पर हैं खुदा उनकी हिदायत और ज्यादा करता जाता है और बाक़ी रह जाने वाली नेकियाँ तुम्हारे परवरदिगार के नज़दीक सवाब की राह से भी बेहतर है और अन्जाम के ऐतबार से (भी) बेहतर है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:77 أَفَرَءَيْتَ ٱلَّذِى كَفَرَ بِـَٔايَـٰتِنَا وَقَالَ لَأُوتَيَنَّ مَالًا وَوَلَدًا
19:77 (ऐ रसूल) क्या तुमने उस शख्स पर भी नज़र की जिसने हमारी आयतों से इन्कार किया और कहने लगा कि (अगर क़यामत हुईतो भी) मुझे माल और औलाद ज़रूर मिलेगी - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:78 أَطَّلَعَ ٱلْغَيْبَ أَمِ ٱتَّخَذَ عِندَ ٱلرَّحْمَـٰنِ عَهْدًا
19:78 क्या उसे ग़ैब का हाल मालूम हो गया है या उसने खुदा से कोई अहद (व पैमान) ले रखा है हरग़िज नहीं - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:79 كَلَّا ۚ سَنَكْتُبُ مَا يَقُولُ وَنَمُدُّ لَهُۥ مِنَ ٱلْعَذَابِ مَدًّا
19:79 जो कुछ ये बकता है (सब) हम सभी से लिखे लेते हैं और उसके लिए और ज्यादा अज़ाब बढ़ाते हैं - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:80 وَنَرِثُهُۥ مَا يَقُولُ وَيَأْتِينَا فَرْدًا
19:80 और वो माल व औलाद की निस्बत बक रहा है हम ही उसके मालिक हो बैठेंगे और ये हमारे पास तनहा आयेगा - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:81 وَٱتَّخَذُوا۟ مِن دُونِ ٱللَّهِ ءَالِهَةً لِّيَكُونُوا۟ لَهُمْ عِزًّا
19:81 और उन लोगों ने खुदा को छोड़कर दूसरे-दूसरे माबूद बना रखे हैं ताकि वह उनकी इज्ज़त के बाएस हों हरग़िज़ नहीं - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:82 كَلَّا ۚ سَيَكْفُرُونَ بِعِبَادَتِهِمْ وَيَكُونُونَ عَلَيْهِمْ ضِدًّا
19:82 (बल्कि) वह माबूद खुद उनकी इबादत से इन्कार करेंगे और (उल्टे) उनके दुशमन हो जाएँगे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:83 أَلَمْ تَرَ أَنَّآ أَرْسَلْنَا ٱلشَّيَـٰطِينَ عَلَى ٱلْكَـٰفِرِينَ تَؤُزُّهُمْ أَزًّا
19:83 (ऐ रसूल) क्या तुमने इसी बात को नहीं देखा कि हमने शैतान को काफ़िरों पर छोड़ रखा है कि वह उन्हें बहकाते रहते हैं - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:84 فَلَا تَعْجَلْ عَلَيْهِمْ ۖ إِنَّمَا نَعُدُّ لَهُمْ عَدًّا
19:84 तो (ऐ रसूल) तुम उन काफिरों पर (नुज़ूले अज़ाब की) जल्दी न करो हम तो बस उनके लिए (अज़ाब) का दिन गिन रहे हैं - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:85 يَوْمَ نَحْشُرُ ٱلْمُتَّقِينَ إِلَى ٱلرَّحْمَـٰنِ وَفْدًا
19:85 कि जिस दिन परहेज़गारों को (खुदाए) रहमान के (अपने) सामने मेहमानों की तरह तरह जमा करेंगे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:86 وَنَسُوقُ ٱلْمُجْرِمِينَ إِلَىٰ جَهَنَّمَ وِرْدًا
19:86 और गुनेहगारों को जहन्नुम की तरफ प्यासे (जानवरो की तरह हकाँएगे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:87 لَّا يَمْلِكُونَ ٱلشَّفَـٰعَةَ إِلَّا مَنِ ٱتَّخَذَ عِندَ ٱلرَّحْمَـٰنِ عَهْدًا
19:87 (उस दिन) ये लोग सिफारिश पर भी क़ादिर न होंगे मगर (वहाँ) जिस शख्स ने ख़ुदा से (सिफारिश का) एक़रा ले लिया हो - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:88 وَقَالُوا۟ ٱتَّخَذَ ٱلرَّحْمَـٰنُ وَلَدًا
19:88 और (यहूदी) लोग कहते हैं कि खुदा ने (अज़ीज़ को) बेटा बना लिया है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:89 لَّقَدْ جِئْتُمْ شَيْـًٔا إِدًّا
19:89 (ऐ रसूल) तुम कह दो कि तुमने इतनी बड़ी सख्त बात अपनी तरफ से गढ़ के की है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:90 تَكَادُ ٱلسَّمَـٰوَٰتُ يَتَفَطَّرْنَ مِنْهُ وَتَنشَقُّ ٱلْأَرْضُ وَتَخِرُّ ٱلْجِبَالُ هَدًّا
19:90 कि क़रीब है कि आसमान उससे फट पड़े और ज़मीन शिगाफता हो जाए और पहाड़ टुकड़े-टुकडे होकर गिर पड़े - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:91 أَن دَعَوْا۟ لِلرَّحْمَـٰنِ وَلَدًا
19:91 इस बात से कि उन लोगों ने खुदा के लिए बेटा क़रार दिया - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:92 وَمَا يَنۢبَغِى لِلرَّحْمَـٰنِ أَن يَتَّخِذَ وَلَدًا
19:92 हालाँकि खुदा के लिए ये किसी तरह शायाँ ही नहीं कि वह (किसी को अपना) बेटा बना ले - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:93 إِن كُلُّ مَن فِى ٱلسَّمَـٰوَٰتِ وَٱلْأَرْضِ إِلَّآ ءَاتِى ٱلرَّحْمَـٰنِ عَبْدًا
19:93 सारे आसमान व ज़मीन में जितनी चीज़े हैं सब की सब खुदा के सामने बन्दा ही बनकर आने वाली हैं उसने यक़ीनन सबको अपने (इल्म) के अहाते में घेर लिया है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:94 لَّقَدْ أَحْصَىٰهُمْ وَعَدَّهُمْ عَدًّا
19:94 और सबको अच्छी तरह गिन लिया है - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:95 وَكُلُّهُمْ ءَاتِيهِ يَوْمَ ٱلْقِيَـٰمَةِ فَرْدًا
19:95 और ये सब उसके सामने क़यामत के दिन अकेले (अकेले) हाज़िर होंगे - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:96 إِنَّ ٱلَّذِينَ ءَامَنُوا۟ وَعَمِلُوا۟ ٱلصَّـٰلِحَـٰتِ سَيَجْعَلُ لَهُمُ ٱلرَّحْمَـٰنُ وُدًّا
19:96 बेशक जिन लोगों ने ईमान कुबूल किया और अच्छे-अच्छे काम किए अनक़रीब ही खुदा उन की मोहब्बत (लोगों के दिलों में) पैदा कर देगा - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:97 فَإِنَّمَا يَسَّرْنَـٰهُ بِلِسَانِكَ لِتُبَشِّرَ بِهِ ٱلْمُتَّقِينَ وَتُنذِرَ بِهِۦ قَوْمًا لُّدًّا
19:97 (ऐ रसूल) हमने उस कुरान को तुम्हारी (अरबी) जुबान में सिर्फ इसलिए आसान कर दिया है कि तुम उसके ज़रिए से परहेज़गारों को (जन्नत की) खुशख़बरी दो और (अरब की) झगड़ालू क़ौम को (अज़ाबे खुदा से) डराओ - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)

19:98 وَكَمْ أَهْلَكْنَا قَبْلَهُم مِّن قَرْنٍ هَلْ تُحِسُّ مِنْهُم مِّنْ أَحَدٍ أَوْ تَسْمَعُ لَهُمْ رِكْزًۢا
19:98 और हमने उनसे पहले कितनी जमाअतों को हलाक कर डाला भला तुम उनमें से किसी को (कहीं देखते हो) उसकी कुछ भनक भी सुनते हो - Suhel Khan and Saifur Nadwi (Hindi)